जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं जमाना उन्हें क्या जलाएगा, जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं जख्म भी भर जायेगे, चेहरे भी बदल जायेगे, तू करना याद महाकाल को, तुझे दिल और दिमाग मे सिर्फ और सिर्फ महाकाल नजर आयेगे **जय महाकाल** ना https://billyq000sld1.blogtov.com/profile